
Brief story of Tumbbad movie (8 points):
- कहानी का आधार (Basis of Story): फिल्म की कहानी महाराष्ट्र के तुम्बाड गाँव में स्थित है, जो एक रहस्यमयी खजाने और प्राचीन देवता ‘हस्तर’ पर आधारित है।
- हस्तर का श्राप (Hastar ka Shraap): हस्तर, जो धन और सोने का देवता है, उसे श्रापित किया गया था कि वह कभी पूजनीय नहीं होगा और उसे केवल लालच का प्रतीक माना जाएगा।
- विनायक राव की तलाश(Search of Vinayak Rao): कहानी का मुख्य पात्र विनायक राव बचपन से ही अपनी माँ के साथ तुम्बाड के खजाने की तलाश में रहता है, जो हस्तर के खजाने से जुड़ा है।
- खजाने का रहस्य (Mystery Treasure): विनायक को यह पता चलता है कि खजाना हस्तर के पेटी से सोने के सिक्के निकालने का तरीका है, लेकिन इसके लिए हस्तर को प्रसन्न करना पड़ता है।
- लालच का बढ़ता प्रभाव (Increasing Effect of Greed): विनायक लालच में फँस जाता है और बार-बार हस्तर के खजाने से सोना निकालने की कोशिश करता है, जिससे उसकी भूख और बढ़ती जाती है।
- खतरा और भय (Danger and Fear): हर बार जब विनायक खजाने के पास जाता है, हस्तर का सामना करना पड़ता है, जो उसकी जान के लिए खतरा बनता है। यह भय और तनाव फिल्म (Tumbbad Movie) की प्रमुख विशेषता है।
- पारिवारिक प्रभाव (Family Influence): विनायक अपने बेटे पांडुरंग को भी इस लालच में शामिल कर लेता है, जिससे कहानी में एक पीढ़ीगत संघर्ष उत्पन्न होता है।
- अंतिम परिणाम (Final Result): लालच का अंत विनाशकारी होता है, जब विनायक को यह एहसास होता है कि वह हस्तर की ताकत से पार नहीं पा सकता। Tumbbad Movie अंत में, यह लालच और उसके परिणामों की एक चेतावनीपूर्ण कथा बन जाती है।